देहरादून (बड़ी खबर) इन रास्तों पर अब नहीं चलेंगे ई-रिक्शा, लगाई रोक, दून में जाम का झाम, बनेंगे स्टैंड

देहरादून। राजधानी बनने के बाद अनियंत्रित तरीके से बड़ रहे छोटे से देहरादून घाटी में जाम का झाम लगा रहना आम बात हो गई है।

अनियंत्रित तरीके से सवारी ले जाता हुआ ई रिक्शा

इसे देखते हुए देहरादून शहर की प्रमुख सड़कों पर दौड़ रहे ई-रिक्शा पर परिवहन विभाग ने प्रतिबंध लगा दिया है।

देहरादून, चकराता रोड, बिंदाल तिराहे से थोड़ा आगे

आपको बता दें कि प्रतिबंध में क्लेमेनटाउन-सहारनपुर रोड-राजपुर रोड-कुठालगेट, झाझरा-प्रेमनगर-चकराता रोड-रायपुर और आइसबीटी-हरिद्वार बाईपास-मोहकमपुर मार्ग शामिल हैं।

आरटीओ प्रशासन सुनील शर्मा ने बताया कि देहरादून की शहरी यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने की योजना के तहत ई-रिक्शा केवल शहर के अंदरूनी मार्गों पर चलेंगे और सवारी छोड़ने के लिए मुख्य मार्ग के किनारे तक आएंगे, लेकिन मुख्य मार्गों पर संचालित नहीं हों सकेंगे।

साथ दून शहर में ई-रिक्शा और आटो के स्टैंड की जगह चिह्नित कर वहां एक समय पर खड़े रहने वाले ई-रिक्शा व आटो की संख्या भी तय कर गई है। साथ ही नियम तोड़ने वाले वाहन संचालकों के विरुद्ध अब परिवहन विभाग व पुलिस की संयुक्त टीम कार्रवाई करेगी।

शहर में धीरे-धीरे जाम का पर्याय बने ई-रिक्शा पर लंबी मशक्कत और कसरत के बाद प्रदेश सरकार ने 28 अगस्त-2019 को शहर के उन सभी चौराहों-तिराहों व मुख्य मार्गों पर ई-रिक्शा का संचालन प्रतिबंधित कर दिया था, जहां पर यातायात का दबाव अधिक रहता है। आपको बता दें कि राज्यपाल से स्वीकृति मिलने के बाद इसका नोटिफिकेशन निकाल दिया गया है।

नोटिफिकेशन के अनुसार ई-रिक्शा केवल गली या संपर्क मार्गों पर ही चल सकते हैं। सरकार ने आदेश का अनुपालन कराने की जिम्मेदारी प्रशासन पुलिस, परिवहन विभाग व नगर निगम को संयुक्त रूप से सौंपी थी। राज्य सरकार ने उन समस्त प्रतिबंधित मार्गों पर ई-रिक्शा की नो-एंट्री के बोर्ड भी लगाने के आदेश दे दिए थे। जिसमें नो-एंट्री का समय सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक दर्ज करने को कहा गया था, लेकिन न प्रशासन ने कोई कदम उठाया, न पुलिस या परिवहन विभाग ने।

लेकिन अब आरटीओ प्रशासन सुनील शर्मा ने संभागीय परिवहन प्राधिकरण के शहर में यातायात सुधार के निर्णय के क्रम में ई-रिक्शा पर लगाम लगाने की तैयारी कर ली है। इनके साथ आटो के लिए स्टैंड चिह्नित किए गए हैं।

आरटीओ प्रशासन सुनील शर्मा ने बताया कि “परिवहन विभाग” पूर्व में निर्धारित व वर्तमान में चिह्नित स्टैंड का परीक्षण करेगा। “एमडीडीए” चिह्नित स्थलों पर निर्माण कार्य कराएगा। आटो स्टैंड पर नीली पृष्ठभूमि पर सफेद अक्षरों से लिखा बोर्ड जबकि ई-रिक्शा के लिए हरी पृष्ठभूमि के बोर्ड पर पीले अक्षरों में लिखा हुआ बोर्ड लगाया जाएगा। “नगर निगम” यह राय देगा कि चिह्नित स्थलों पर स्टैंड बनाने में कोई विधिक बाधा नहीं है। “यातायात पुलिस” यह रिपोर्ट देगी कि संबंधित स्थल पर स्टैंड बनाने में यातायात में कोई बाधा नहीं है।

परिवहन सुविधा और शहर में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए चलाए गए ई-रिक्शा आज मुख्य मार्ग, प्रमुख चौराहों व तिराहों पर झुंड बना देते हैं। अब ये रिक्शा ट्रैफिक जाम के साथ ही जनता के लिए बड़ी परेशानी भी बन चुके हैं।

परिवहन विभाग के रिकार्ड और आंकड़ों के अनुसार के तहत वर्तमान में दून में 4000 से अधिक ई-रिक्शा पंजीकृत हैं। इसके अलावा पंजीकृत ई-रिक्शा के साथ बड़ी संख्या में गैर-पंजीकृत ई-रिक्शा भी शहर में बेधड़क दौड़ रहे हैं।

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