सूर्य ग्रहण: 25 को नहीं होगी गोवर्धन पूजा, देहरादून, हरिद्वार, शिमला, जलंधर, श्रीनगर में साफ दिखेगा ग्रहण, ये है सूतक काल

ज्योतिष के अनुसार 25 अक्टूबर को साल का दूसरा और आखिरी सूर्यग्रहण लग रहा है। इससे पहले वाला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखा था। दीपावली कार्तिक अमावस्या को मनाई जाती है। लेकिन इस बार अमावस्या तिथि 24-25 अक्टूबर को 2 दिन रहेगी।

अमावस्या का समय-

इस बार अमावस्या तिथि 24 अक्टूबर को शाम 5.27 बजे शुरू हो रही है, जो 25 अक्टूबर दोपहर 4:18 बजे तक चलती रहेगी। तो दिवाली (24 अक्तूबर) के अगले दिन सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर मंगलवार को लगेगा।

गोवर्धन पूजा नहीं होगी, दीपावली के अगले दिन-

दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा का त्यौहार मनाया जाता है। लेकिन इस बार सूर्य ग्रहण के कारण गोवर्धन पूजा, अन्नकूट, भाईदूज एक साथ 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

भारत में सूर्य ग्रहण-

यह सूर्य ग्रहण ग्रस्तास्त खंडग्रास सूर्य ग्रहण है,
भारतीय समय के अनुसार

25 अक्तूबर को ग्रहण का दोपहर 2.29 पर प्रारंभ होगा।

ग्रहण का मध्य- 4.30 सायं पर होगा।

ग्रहण की समाप्ति- 6.32 सायं बजे होगी।

ग्रहण की समाप्ति अरब सागर में खत्म होगी।

यह ग्रहण भारत देश के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों में बेहतर ढंग से दिखेगा। वहीं, देश के पूर्वी हिस्सों में यह ग्रहण नहीं दिख पाएगा, क्योंकि उन जगहों पर सूर्यास्त हो चुका होगा। इसके अलावा यूरोप, उत्तरी अफ्रीका, मध्य पूर्व और पश्चिम एशिया के कुछ हिस्सों में भी यह आकाशीय घटना दिखाई देगी।

देहरादून, श्रीनगर, जम्मू और जलंधर में अच्छे से दिखेगा सूर्य ग्रहण-

यह सूर्य ग्रहण शाम 4.30 पर अपने चरम पर रहेगा। इस समय भारत में दिखना शुरू हो जाएगा। भारत में लेह, लद्दाख, जम्मू, श्रीनगर, उत्तराखण्ड, पंजाब, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान और पश्चिमी मध्य प्रदेश में यह सूर्य ग्रहण दिखेगा।

इनमें श्रीनगर, जम्मू, जलंधर, अमृतसर, चंडीगढ़, देहरादून, हरिद्वार और शिमला में यह सूर्य ग्रहण ज्यादा साफ दिखाई देगा।

वहीं तमिलनाडु, कर्नाटक, मुंबई, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड, बंगाल और बिहार में कुछ ही देर के लिए और ठीक से भी नहीं दिखेगा।

जबकि असम, अरुणाचल, मणिपुर, नागालैंड में ये ग्रहण बिल्कुल नहीं दिखेगा।

नई दिल्ली में यह सूर्य ग्रहण शाम करीब 04:29 पर शुरू होकर सूर्यास्त के साथ 18:09 पर खत्म हो जाएगा।

लुधियाना में भारतीय समयानुसार सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर मंगलवार को दोपहर 4.22 मिनट से शाम 5.42 मिनट तक यानी लगभग 1 घंटा 20 मिनट रहेगा।

अमावस पर सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी लगभग एक लाइन में आ जाते हैं। जिसे सूर्य ग्रहण कहते हैं। 25 अक्टूबर को भी सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी लगभग सीधी रेखा में रहेंगे। जिससे चंद्रमा आंशिक रूप से कुछ वक्त के लिए सूर्य को ढंकता हुआ दिखाई देगा, जिससे आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। इस ग्रहण के दौरान भारत में सूर्य का 55% हिस्सा चंद्रमा से ढंका होगा।

भारत में दिनभर रहेगा सूतक, नहीं होगी पूजा-पाठ-

वैसे तो सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है, लेकिन धर्म और ज्योतिष की दृष्टि से भी यह सूर्य ग्रहण खास रहेगा, क्योंकि इस बार दिवाली के अगले दिन सूर्य ग्रहण पड़ रहा है। भारत में शाम 4 बजे से ग्रहण शुरू होने की वजह से इसका सूतक 12 घंटे पहले, यानी सुबह 4 बजे से ही शुरू हो जाएगा। इसलिए गोवर्धन पूजा 25 की बजाय 26 अक्टूबर को होगी।

सूर्य ग्रहण भारत में आंशिक रूप से दिखेगा, लेकिन इसका असर वातावरण और आम लोगों पर भी पड़ेगा। इसलिए सूतक काल और ग्रहण के समय सावधानियां रखनी होगी। सूतक काल और ग्रहण के दौरान मंदिर और घरों के पूजा स्थल बंद रखें। मूर्तियों को न छूएं। खान-पान से परहेज रखें।

ग्रहण अवधि में मंत्र जाप, ध्यान और भजन कीर्तन करें, दान देना चाहिए। ग्रहण खत्म होने के बाद पूजा स्थल और पूरे घर में गंगाजल छिड़ककर शुद्धि करें। नदियों में स्नान करने की भी परंपरा है।

सूतक काल में न करें शुभ काम-

ग्रहण लगने से पहले के समय को अशुभ माना जाता है और इसे ही सूतक काल कहते हैं। सूतक काल में कोई भी मांगलिक काम नहीं होते। न ही किसी व्यक्ति को इस समय में नए काम शुरू करना चाहिए। सूतक काल में न ही खाना बनाएं और न ही खाना खाएं। बने हुए खाने में कुशा घास या तुलसी के पत्ते डालकर रखें। यही नहीं सूतक काल में दांतों की सफाई, बालों में कंघी नहीं करने और नाखुन काटने की भी मनाही होती है। सूतक काल में मंदिर के कपाट बंद कर देते हैं।

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