हे त्रिवेंद्र! मुख्यमंत्री काफिले के किस अधिकारी ने दी महिला को गाली! कसने छिड़का उसके जख्मों पर नमक!

The95news, धुमाकोट बस हादसे के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अफसरों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे थे। वह मृतक के परिवार वालों के साथ बात कर रहे थे। इस दौरान पीड़ित परिवार की एक महिला भड़क उठी और वह भीड़ में से गुजरते हुए मुख्यमंत्री के पास तक पहुंच गई और उन्हें टूटी सड़क, हमेशा न आने, को लेकर कहने लगी – निकल जाओ यहां से नहीं तो पत्थर मार देंगे। तभी किसी ने उस महिला को गाली दी और महिला के शुर बदल गए।

महिला ने सवाल उठाते हुवे कहा – किसको क्या बोल रहे हो? क्या गाली दे रहे हो?

महिला ने मुख्यमंत्री के नजदीक पहुंचकर कहा-यहां से भाग जाओ, नहीं तो पत्थर मार देंगे।महिला का कहना था कि हादसे के बाद ही नेता दिखाई देते हैं, उससे पहले कोई एक्शन नहीं होता। महिला ने यह भी कह दिया कि मुख्यमंत्री तो बन जाते हो, मगर जनता की फिक्र नहीं होती।

उस वायरल वीडियो में जो समझ आ रहा है वो सशब्द यह था-

निकलो यहां से नही तो पत्थर मार देंगे अभी हम
किसको क्या बोल रहे हो? क्या गाली दे रहे हो?
हमारा बस चलेगा तो, अभी पत्थर मार देंगे यहीं पर, जो करना है कर लेना…
और दिन क्यों नही घूमते तुम यहाँ पर रोड बनाने के लिए?
बड़ा मुख्यमंत्री बन रहा है…

यहां यह बताना भी जरूरी है कि उक्त महिला जिनका नाम आशा देवी खौल ग्राम सभा के भोपाटी गांव की रहने वाली बताया जा रहा है। रविवार को पौड़ी के धुमाकोट में हुवे बस हादसे में उनके परिवार के 8 लोग मारे गए हैं। अब ये तो सरकार ही जाने की ऐसी दुःख की घड़ी में उक्त महिला को सांत्वना दी जानी चाहिए थी या अधिकारियों द्वारा गालियां दी जानी चाहिए।

सवाल यह भी खड़ा होता है कि क्या मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत उक्त तथाकथित गाली देने वाले अधिकारी के खिलाफ भी वैसी ही कार्यवाही करेंगे जैसी मुख्यमंत्री ने उत्तरा बहुगुणा पन्त के विरुद्ध जनता दरबार मे की थी।

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